“छपाक” और “थप्पड़”- एसिड के छींटे हों या पंजा पड़ा समाज के चेहरे पर (Acid or Slap, its on scoiety)
मैं उत्तर प्रदेश के एक बहुत छोटे से शहर फ़र्रुखाबाद में रहती हूँ। यहाँ बड़े मल्टीप्लेक्सेस नहीं है बस के सिनेप्लेक्स और कुछ निचले दर्जे के सिनेमाघर। हर बड़ी फ़िल्म यहाँ तक पहुँचती ही नहीं और आती भी है तो सिनेमाघर तक जाने की इक्षा नहीं होती। छोटे शहर की अपनी सीमाएं और रुकावटें होती …